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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और भगवान श्री विश्वनाथ की पूजा कराने वाले पंडित ने सूतक में रहते हुए पूजा कराई..? शुरू हुई जांच..!

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(शशि कोन्हेर) : वाराणसी। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार किसी के गुजर जाने के बाद संबंधित परिवार और पूरे खानदान पर 10 दिनों के लिए सूतक लग जाता है। इस दौरान देवा लयों में जाना तो दूर पूजन तक नहीं किया जाता है। लेकिन इस बात से द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक इत्तेफाक नहीं रखते। 13 दिसंबर को विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद गर्भ गृह में एक अर्चक ने खुद पर सुतल लगे होने के बावजूद पीएम मोदी से पूजा करा दी मंदिर से जुड़े लोगों की आपत्ति के बाद जांच शुरू हो गई है और कार्यवाही की बात भी कही जा रही है। पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम 13 दिसंबर के हुए लोकार्पण के बाद एक बार फिर से सुर्खियों में आ चुका है, लेकिन इस बार वजह धाम की भव्यता या वहां मिलने वाली सुविधाएं नहीं हैं, बल्कि वह चूक है, जिसको वहां एक अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने अंजाम दे दिया.

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धाम के लोकार्पण के बाद जिस अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने पीएम मोदी की उपस्थिति में विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा कराई थी, उसको सूतक लगा था. श्रीकांत मिश्रा के भतीजे वेद प्रकाश मिश्रा की 5 दिसंबर को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसका खुलासा तब हुआ, जब बीते दिनों अर्चक के मृतक भतीजे वेद प्रकाश मिश्रा की तेरहवीं का आयोजन हुआ और निमंत्रण पत्र सामने आया.

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मंदिर के पूर्व सदस्य ने उठाए सवाल

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अर्चक पर सूतक लगे होने के बावजूद पीएम मोदी की उपस्थिति में पूजन कराने वाले अर्चक से लोगों की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है. इसकी शिकायत खुद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व सदस्य प्रदीप कुमार बजाज ने पूरे तथ्यों और दस्तावेजों के साथ पीएम मोदी, सीएम योगी और संबंधित अधिकारियों से लिखित तौर पर भी कर दी है. प्रदीप बजाज बताते हैं कि 13 दिसंबर को पीएम मोदी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने आए थे. लोकार्पण के बाद पीएम मोदी ने बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया.

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बजाज ने कहा कि मंदिर के अर्चक श्रीकांत मिश्र ने पूजन करवाया. श्रीकांत मिश्र उस समय सूतक काल में थे, क्योंकि उनके सगे भतीजे का मध्य प्रदेश में देहावसान 5 दिसंबर हो गया था. 6 दिसंबर को दाह संस्कार हुआ. चूंकि 10 दिन का सूतक दाह संस्कार से लगता है. इसलिए 6 दिसंबर से 10 दिन का सूतक श्रीकांत मिश्र पर लग गया, लेकिन 13 दिसंबर को उन्होंने पीएम मोदी से पूजा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा करवाई.

पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम 13 दिसंबर के हुए लोकार्पण के बाद एक बार फिर से सुर्खियों में आ चुका है, लेकिन इस बार वजह धाम की भव्यता या वहां मिलने वाली सुविधाएं नहीं हैं, बल्कि वह चूक है, जिसको वहां एक अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने अंजाम दे दिया.

धाम के लोकार्पण के बाद जिस अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने पीएम मोदी की उपस्थिति में विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा कराई थी, उसको सूतक लगा था. श्रीकांत मिश्रा के भतीजे वेद प्रकाश मिश्रा की 5 दिसंबर को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसका खुलासा तब हुआ, जब बीते दिनों अर्चक के मृतक भतीजे वेद प्रकाश मिश्रा की तेरहवीं का आयोजन हुआ और निमंत्रण पत्र सामने आया.

मंदिर के पूर्व सदस्य ने उठाए सवाल

अर्चक पर सूतक लगे होने के बावजूद पीएम मोदी की उपस्थिति में पूजन कराने वाले अर्चक से लोगों की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है. इसकी शिकायत खुद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व सदस्य प्रदीप कुमार बजाज ने पूरे तथ्यों और दस्तावेजों के साथ पीएम मोदी, सीएम योगी और संबंधित अधिकारियों से लिखित तौर पर भी कर दी है. प्रदीप बजाज बताते हैं कि 13 दिसंबर को पीएम मोदी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने आए थे. लोकार्पण के बाद पीएम मोदी ने बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया.

बजाज ने कहा कि मंदिर के अर्चक श्रीकांत मिश्र ने पूजन करवाया. श्रीकांत मिश्र उस समय सूतक काल में थे, क्योंकि उनके सगे भतीजे का मध्य प्रदेश में देहावसान 5 दिसंबर हो गया था. 6 दिसंबर को दाह संस्कार हुआ. चूंकि 10 दिन का सूतक दाह संस्कार से लगता है. इसलिए 6 दिसंबर से 10 दिन का सूतक श्रीकांत मिश्र पर लग गया, लेकिन 13 दिसंबर को उन्होंने पीएम मोदी से पूजा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा करवाई.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व सदस्य प्रदीप कुमार बजाज ने कहा कि शास्त्र संवत तरीके से अर्चक श्रीकांत पूजन नहीं करवा सकते थे. उनका मंदिर में प्रवेश भी वर्जित था. जब बात संज्ञान में आई तो जांच करने पर संपूर्ण घटना सत्य सामने आई. इसके बाद पीएम, सीएम और उनके सचिवों को पूरे मामले की जानकारी से अवगत कराया और जांच के बाद उचित कार्रवाई की भी मांग की.

मंदिर प्रशासन कर रहा पूरे विषय की जांच

बजाज ने कहा कि अर्चक पर सूतक लगे होने के बावजूद उसके हाथों पीएम मोदी से विश्वनाथ मंदिर की पूजा कराने का मामला तूल पकड़ते ही जांच शुरू हो गई है. इस बारे में खुद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के विशेष कार्याधिकारी उमेश सिंह ने बताया कि यह विषय मंदिर प्रशासन के संज्ञान में आया है. मंदिर प्रशासन अपने स्तर से पूरे विषय की जांच कर रहा है कि आखिर क्या सच्चाई है? अलग से किसी कमेटी का गठन नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि आरोपी अर्चक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जांच के बाद आगे नियमानुसार जो भी निर्णय आएगा उससे अवगत भी कराया जाएगा.

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