जीपीएम जिले में पहुची बाघिन की एक बार फिर से मरवाही वन मंडल में हुई वापसी..
(उज्ज्वल तिवारी) : पेंड्रा। मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले की सीमा से छत्तीसगढ़ के जीपीएम जिले में पहुची बाघिन की एक बार फिर से मरवाही वन मंडल में वापसी हो गई है।
यह बाघिन को पहले एमसीबी जिले से रेस्क्यू कर एटीआर के जंगल मे छोड़ा गया था पर बाघिन वहां नही रुकी और वहां से निकलकर कोरबा जिले पहुच गई थी जो एक बार फिर जीपीएम जिले में आमद दी है।
दरअसल बीते 7 दिसंबर को मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले के रास्ते छत्तीसगढ़ के जीपीएम जिले में पहुची बाघिन एक रात मरवाही के जंगलों में बिताने के बाद मनेन्द्रगढ़ जिले पहुच गई थी जिसके बाद एक्सपर्ट की टीम ने बाघिन का सुरक्षित रेस्क्यू कर उसे अचानक मार टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया था पर बाघिन को एटीआर रास नही आया और वो एटीआर के जंगल से निकलकर सीधे जीपीएम होते हुए कोरबा जिले पहुच गई थी और अब फिर बाघिन एक बार जीपीएम जिले के मरवाही वन मंडल में अपनी आमद दे दी है।
फिलहाल वन अमला बाघिन की इलेक्टोनिक्स डिवाइस की मदद से बाघिन की निगरानी में जुटा हुआ है तो रिहायशी इलाके के पास उसकी मौजूदगी से ग्रामीण दहशत में है।
वहीं बाघिन कोरबा जिले के पसान वन परिक्षेत्र से निकलकर जीपीएम के मरवाही वन मंडल में आ धमकी है। बाघिन की आमद की जानकारी मिलते ही मरवाही वन मंडल के वन अमला मुस्तैद हो गया है और इलेक्टोनिक्स डिवाइस की मदद से लगातार बाघिन की निगरानी कर रहे है।
वहीं बाघिन खोडरी वन परिक्षेत्र के बम्हनी गाव के नजदीक मौजूद है जिसके चलते बम्हनी, कोडगार, घाटबहरा,कोटमीखुर्द,सहित आसपास के आधा दर्जन गांवों में वन अमला लगातार मुनादी कराकर सतर्क रहने की सलाह ग्रामीणों को दे रही है और बाघिन की मौजूदगी से ग्रामीण दहशत में है।
फिलहाल मरवाही वन मंडल के अधिकारियों की माने तो वो लगातार बाघिन में लगे डिवाइस के जरिये सतर्कता से उसकी निगरानी में लगे हुए है। साथ ही ग्रामीणों को जंगल जाने से मना कर दिया गया है।ताकि कोई अप्रिय घटना घटित न हो।।