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तीनों कृषि कानूनी की वापसी पर, बुधवार को लग सकती है, केंद्रीय कैबिनेट की मुहर….

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(शशि कोन्हेर) : नई दिल्‍ली – बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रि‍मंडल की इस बैठक में तीनों कृषि कानूनों की वापसी को मंजूरी दी जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद कानूनों को वापस लेने संबंधी विधेयकों को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

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प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु पर्व के दिन राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि इसी महीने के अंत में शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में औपचारिक रूप से इन तीनों कानूनों को रद कर दिया जाएगा। श्री गुरु नानक देव जी की वाणी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि जो कुछ किया वह किसानों के लिए था और जो कुछ कर रहे हैं वह भी देश के लिए है। उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार के इस फैसले की व्याख्या राजनीतिक दबाव के रूप में भी हो रही है और प्रधानमंत्री के मास्टरस्ट्रोक के रूप में भी…इन कानूनों को रद करने की मांग को लेकर एक साल से किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा था। इसमें शक नहीं है कि पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ किसानों का रुख भाजपा के लिए नुकसानदेह हो सकता था और कानून की वापसी के साथ इसे कम करने की कोशिश हुई है। वहीं दूसरा पहलू यह भी है कि प्रधानमंत्री ने एक झटके में किसान आंदोलन की आड़ में रोटी सेंकने वाले राजनीतिक दलों से मुद्दा छीन लिया और उग्र हो रहे किसानों को राहत दे दी। साथ ही पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नए गठबंधन की राह भी तैयार हो गई है।

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यानी एक फैसले से सरकार ने कई निशाने साधे हैं। बुधवार को जहां करतारपुर कारिडोर खुला था, वहीं शुक्रवार को गुरु पर्व के दिन प्रधानमंत्री ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था।

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