सड़कों पर किसान आंदोलन के कारण लोगों को हो रही सभी प्रकार की परेशानियों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – लंबे समय से दिल्ली, राजस्थान हरियाणा उत्तर प्रदेश तथा पंजाब की सड़कों पर चल रहे किसान आंदोलन के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सख्त दिखाई दे रहा है। आयोग ने पंजाब हरियाणा समेत सभी राज्यों से सड़कों पर किसानों के होने के कारण यातायात उद्योग धंधे समेत विभिन्न परेशानियां और नुकसान की जानकारी मांगी है। किसान आंदोलन के उक्त आदेशों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तेवर किसान आंदोलन को लेकर सख्त हो रहे हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक उन्हें शिकायत मिली हैं कि इन राज्यों में चल रहे तथाकथित किसान आंदोलन की वजह से 9 हजार उद्योग ठप हो चुके हैं। यातायात पर भीषण असर पड़ा है। जिसकी वजह से लोगों को, मरीजों,बुजुर्गों और दिव्यांगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही बार्डरों के बंधक होने की वजह से लोगों को ज्यादा दूरी तय करनी पड़ रही है ।
सड़क पर किसान आंदोलन, कई राज्य सरकारों को एनएचआरसी का नोटिस
इस आंदोलन की वजह कुछ जगहों पर लोगों को भी उनके घरों से नहीं निकलने दिया जा रहा।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक उन्हें यह भी शिकायत मिली है कि इन आन्दोलन स्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल की भी धज़्ज़िया उड़ाई जा रही हैं राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस देने के अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने Institute of Economic Growth से 10 अक्टूबर तक इस तथाकथित आंदोलन की वजह से उद्द्योग पर पड़े प्रभाव पर एक रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण और गृह मंत्रालय से इस आंदोलन में हो रहे कोविड नियमो के उल्लंघन पर भी रिपोर्ट मांगी है।