देश

शिंदे के विधायकों का आज तय होगा भविष्य, स्पीकर सुनाएंगे फैसला,जानें क्या होगा असर….

(शशि कोंन्हेर) : शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर 10 जनवरी को शाम चार बजे नार्वेकर को फैसला सुनाना है। इससे ठीक पहले शिवसेना (यूबीटी) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की मुलाकात पर आपत्ति जताई है। हलफनामे में कहा गया है कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने से पहले स्पीकर का मुख्यमंत्री से मिलना गलत है।

Advertisement

उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से कहा, हलफनामा सोमवार को दायर किया गया। अगर न्यायाधीश (नार्वेकर) आरोपी से मिलने जाते हैं, तो हमें न्यायाधीश से क्या उम्मीद करनी चाहिये। राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास वर्षा में रविवार को मुलाकात की थी। इससे पहले भी दोनों के बीच पिछले साल अक्तूबर में मुलाकात हुई थी।

Advertisement
Advertisement

वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि विधायकों की अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष का फैसला कुछ भी हो, उसका शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार कानूनी रूप से वैध है और उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला विधायकों को न्याय प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, विधानसभा अध्यक्ष उचित और कानूनी रूप से न्यायसंगत फैसला करेंगे। हमारा पक्ष मजबूत है। हमारी सरकार कानूनी तौर पर मजबूत है। हमें उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष से हमें न्याय मिलेगा। हमारी सरकार कल भी स्थिर थी और कल भी स्थिर रहेगी।

Advertisement

क्या है मामला?
जून 2022 में एकनाथ शिंदे एवं अन्य विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसके बाद शिवसेना बंट गई थी। ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार का पतन हो गया था, जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मुख्य घटक थे। एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुटों द्वारा दलबदल विरोधी कानूनों के तहत एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गई थीं। बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी विभाजन हो गया और पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी का एक धड़ा महाराष्ट्र की शिंदे-भाजपा गबंधन सरकार में शामिल हो गया था।

Advertisement

अगर उद्धव के विधायक अयोग्य घोषित हो गए तो क्या होगा?
उद्धव कुछ हद तक जनता की सहानुभूति हासिल करने में कामयाब रहे हैं, जिसे वह चुनाव के दौरान कायम रखना चाहेंगे। यदि उनके विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, तो उनके पास जोर-शोर से यह दावा करने का अवसर होगा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और भाजपा को घेरने का प्रयास किया जाएगा। भले ही अदालतों में कानूनी लड़ाई लंबी खिंच जाए। भाजपा नहीं चाहेगी कि चुनाव से पहले उद्धव और उनकी पार्टी को कोई सहानुभूति लहर मिले।

अगर फैसला खिलाफ गया तो शिंदे सेना पर क्या असर होगा?
यदि शिव सेना के विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाता है तो यह भाजपा को मुश्किल स्थिति में डाल देगा क्योंकि शिंदे के साथ सरकार बनाते समय उसने दावा किया था कि यह कदम संविधान के अनुसार था। इससे विपक्ष को चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना का मुकाबला करने के लिए बहुत जरूरी बढ़ावा मिलेगा और उसका तर्क मजबूत होगा कि राज्य सरकार का गठन असंवैधानिक और अवैध रूप से किया गया था।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button