रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा.. राहुल गांधी किसी भी तरह से पप्पू नहीं…स्मार्ट और जिज्ञासु है
(शशि कोन्हेर) : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘पप्पू’ छवि दुर्भाग्यपूर्ण है और वह होशियार आदमी हैं।
दावोस में विश्व आर्थिक मंच के मौके पर बात करते हुए रघुराम राजन ने कहा, “मुझे लगता है कि यह छवि दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने कई मोर्चों पर उनके साथ बातचीत करते हुए लगभग एक दशक बिताया है। वह किसी भी तरह से ‘पप्पू’ नहीं है। वह एक स्मार्ट, युवा, जिज्ञासु व्यक्ति हैं।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि बुनियादी जोखिम और उनका मूल्यांकन करने की क्षमता की अच्छी समझ होना महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि वह ऐसा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं।” रघुराम राजन ने यह भी बताया कि वह राहुल गांधी के साथ इसलिए चले क्योंकि वह भारत जोड़ो यात्रा के मूल्यों के लिए खड़े हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना पर रघुराम राजन ने कहा कि वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के भी आलोचक थे। चुनावी राजनीति में प्रवेश से साफ तौर पर इनकार करते हुए रघुराम राजन ने कहा, “मैं भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुआ क्योंकि मैं यात्रा के मूल्यों के लिए खड़ा हूं। मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा हूं।”
राजन से राहुल गांधी ने की थी बातचीत
पिछले दिनों राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के गुजरने के दौरान राजन शामिल हुए थे। पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ आर्थिक समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की थी। इसमें दोनों ने देश की अर्थव्यवस्था, सांप्रदायिकता, कारोबारी गौतम अडानी, गरीबी आदि का जिक्र किया। राहुल गांधी ने अडानी के शेयर से संबंधित एक वाक्या सुनाया था।
राहुल गांधी ने कहा था, ”मैं संसद में जा रहा था, वहां सिक्योरिटी गार्ड से मेरी दोस्ती है। एक सिक्योरिटी गार्ड से पूछा कि क्या कर रहे हो, उसने जवाब दिया कि बहुत मजा आ रहा है। मैंने कहा क्या हुआ, उसने कहा कि मैंने अडानी के स्टॉक खरीदे हैं। उससे उसके बहुत सारे पैसे बन रहे थे। मैंने सोचा कि वह सैलरीड क्लास का है। ऐसा काम करना उसके लिए रिस्की है।” इस पर आरबीआई के पूर्व गवर्नर राजन ने जवाब दिया कि लोग समझते नहीं हैं। वे देखते हैं कि इसका रिटर्न काफी ज्यादा है और अपना पैसा निवेश करते हैं, लेकिन वे यह नहीं देखते कि रिटर्न क्यों है और कहां से आया।
‘भारत के चीन की जगह लेने की सोच अपरिपक्व’
इससे पहले, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा था कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करने के मामले में भारत के चीन की जगह ले लेने के बारे में सोचना अपरिपक्वता होगी लेकिन आगे चलकर स्थिति बदल भी सकती है।
राजन ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में थोड़ा भी सुधार होने से वैश्विक वृद्धि की संभावनाओं को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब भी 12 महीने बाकी हैं और इस दौरान चीन की स्थिति का सुधरना अच्छी बात होगी।
उन्होंने कहा, “चीन इस समय महामारी का सामना कर रहा है और इस साल मार्च-अप्रैल तक उसकी स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। अगर उसके विनिर्माण में सुधार होता है तो उससे बाहर भी कीमतें कम हो सकती हैं।” भारत के बारे में पूछे जाने पर राजन ने कहा, “यह तर्क अपरिपक्व है कि भारत चीन की जगह ले लेगा।”