बिलासपुर

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय ने शिक्षकों को उनके निवास जाकर किया सम्मानित….

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने रविवार को शिक्षक दिवस के तीन शिक्षकों के घर जाकर शाल एवं श्रीफल से सम्मान किया। कोरोना संक्रमणकाल के दौरान जिस साहस और लगन के साथ बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखा उसके लिए उनका साधुवाद किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज का वह आइना होता है जो बच्चों को हर एक परिस्थितियों से ना केवल परिचित कराता है वरन आइना भी दिखाता है कि सदगुण को आत्मसात कर आगे बढ़ाना है और अपना भविष्य गढ़ना है।

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शिक्षक दिवस के अवसर पर जिला कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष विजय ने  शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पंधी की शिक्षिका चानू एरी,प्राथमिक शाला कोनी की शिक्षिका मेहस्र्निशा खान व गर्वनमंेट हायर सेकेंडरी स्कूल बिलासपुर व एटीएल प्रभारी डा धनंजय पांडेय का उनके निवास जाकर शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया। ये तीनों शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना संक्रमणकाल में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखा।

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जानिए इन शिक्षकों के बारे में

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चानी एरी (शा. पूर्व मा. शाला पंधी )- आपदा को अवसर में बदलते हुए एरी ने गणेश पंडाल को पाठशाला में तब्दील कर दी थी। खेल-खेल और भजन के जरिए बच्चों को शिक्षा से जोड़ी। अध्ययन अध्यापन ऐसा कि गणेश पंडाल को चलता फिरता पाठशाला बना दिया था। शिक्षा के प्रति लगन कहें या जुनून लाकडाउन के दौर में बच्चों को पूरे समय अध्ययन अध्यापन से जोड़कर रखी। आडियो को भी उन्होंने शिक्षा का सबसे बड़ा माध्यम बना लिया था। अपनी आवाज में पाठ्यक्रमों को बोलकर टेप करना और उसी आडियो को गणेश पंडाल में चलाकर बच्चों को पढ़ाती रहीं। संक्रमण के दौर में जब लोग घर से निकलने में भय खाते थे उस दौर में एरी ने गजब का साहस दिखाया और बच्चों को पढ़ाई से जोड़कर रखीं। 

मेहरूनिशा खान – शिक्षिका मेहनस्र्निशा मोहल्ला क्लास का पर्याय बन गईं हैं। उस दौर में उन्होंने मोहल्ला क्लास चलाकर बेटे और बेटियों को जोड़े रखा। कोरोना से बचाव के उपाय भी बताती रहीं। कबाड़ से जुगाड़ के जरिए मास्क बनाना,खिलौना बनाने की विधा बेटियों को सीखाती रहीं। अध्ययन अध्यापन के अलावा आत्मनिर्भर बनाने की शिक्षा भी देती रहीं। सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण भी देती रहीं। काढ़ा बनाने का विधा भी सिखाई।

डा धनंजय पांडेय- शाला त्यागी छात्रों को विद्यालय से जोड़ने विद्यालय के भौतिक विकास, शालेय अनुशासन, बेहतर परीक्षाफल का लक्ष्य प्राप्त करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है । राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने हेतु विद्यार्थियों के मध्य प्रेरणा स्त्रोत रहे शिक्षण को रोचक बनाने के लिए नवाचारी प्रयास में सहायक शिक्षण सामग्री एवं मास मीडिया का भी उपयोग किया जो प्रशंसनीय है। डा पांडेय को अक्षय शिक्षा अलंकरण शिक्षा सर्जक 2016 एवं शिक्षा मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण 2019 पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है । डा कलाम विज्ञान क्लब में किये गये कार्य के कारण इनकी संरचना को विज्ञान प्रसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा सत्र 2018-19 हेतु सिल्वर क्लब में प्रतिस्थापित किया गया, जो कि छ.ग. शिक्षा विभाग के लिए गौरव की बात है।

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