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GDP आंकड़ों पर बड़ा सरप्राइज, 8.4% की दर से बढ़ी इकोनॉमी..

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चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। इस तिमाही में देश की इकोनॉमी 8.4% की दर से बढ़ी है। इकोनॉमी में यह तेजी अनुमान से कहीं ज्यादा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दिसंबर तिमाही के लिए ग्रोथ को 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था। इसके अलावा एसबीआई रिसर्च का अनुमान था कि दिसंबर तिमाही में जीडीपी की दर 6.7 से 6.9 प्रतिशत के बीच रह सकती है।

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इसी तरह तमाम रेटिंग एजेंसी और एक्सपर्ट ने भी ग्रोथ के आंकड़ों में सुस्ती के अनुमान लगाए थे। हालांकि, अब सारे अनुमान ध्वस्त हो चुके हैं और सरकारी आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर तिमाही में इकोनॉमी की ग्रोथ 8 फीसदी से ज्यादा की रही। बता दें कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही। इस तरह तिमाही आधार पर देश की जीडीपी में ग्रोथ देखने को मिली है।

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जीडीपी के नए आंकड़ों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रिएक्ट किया है। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा- वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.4% की मजबूत जीडीपी वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत और हमारी क्षमता को दिखाती है। हमारे प्रयास तेज आर्थिक विकास लाने के लिए जारी रहेंगे। इससे 140 करोड़ भारतीयों को बेहतर जीवन जीने और एक विकसित भारत बनाने में मदद मिलेगी।

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15 महीने के निचले स्तर पर कोर सेक्टर: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया कि भारत में आठ कोर सेक्टर की विकास दर जनवरी में सालाना आधार पर 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। इस महीने में विकास दर 3.6 प्रतिशत की रही।

दिसंबर 2023 में सूचकांक 4.9 फीसदी और जनवरी 2023 में 9.7 फीसदी की दर से बढ़ा था। सरकारी बयान के मुताबिक कोर सेक्टर के कोयला, स्टील, सीमेंट, प्राकृतिक गैस, बिजली और कच्चे तेल के उत्पादन में पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की गई।


चालू वित्त वर्ष में जनवरी के अंत तक सरकार का राजकोषीय घाटा 11 लाख करोड़ रुपये के साथ संशोधित वार्षिक लक्ष्य के 63.6 प्रतिशत पर पहुंच गया है। एक साल पहले की समान अवधि में सरकारी खर्च और राजस्व के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा केंद्रीय बजट 2022-23 के संशोधित अनुमान (आरई) का 67.8 प्रतिशत था। मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार का राजकोषीय घाटा 17.35 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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