गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाहीछत्तीसगढ़

नाबालिक के साथ बलात्कार और वीडियो बनाने के आरोपी को पास्को एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा

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(उज्जवल तिवारी) : पेंड्राः-नाबालिग लड़की को बहलाफुसलाकर झांसा देकर  बलात्कार करने तथा दुष्कर्म का वीडियो बनाकर परिजनों को दिखाने वाले आरोपी को स्पेशल एडीजे कोर्ट गौरेला ने पाक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।

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दरअसल मामला 1 नवंबर  2021 को गौरेला थाना क्षेत्र का है जहां रहने वाली एक नाबालिग 12 साल उम्र की स्कूली छात्रा अपने घर में रहती थी जहां इसी गांव के रहने वाले आरोपी संतोश पटेल उम्र 33 वर्श ने पीड़िता के चाचा चाची जोकि काम से वापस आ रहे थे उनको बुलाकर नाबालिग पीड़िता के साथ गलत काम करते हुये बनाये गये वीडियो को दिखाया। पीड़िता के चाचा चाची ने इसकी जानकारी पीड़िता के पिता को घर आकर दिया तब आरोपी से पूछने पर उसने मोबाईल से वीडियो डिलीट करना बतलाया।

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वहीं पीड़िता ने परिजनों के पूछे जाने पर बतलाया कि जब वह स्कूल जाती थी। तब संतोश पटेल पहले तो सामान वगैरह मंगवाता था। उसके बाद गलत हरकत करता था। इसके बाद वह 5 जनवरी 2021 से कई बार गलत काम करता रहा और किसी को नहीं बताने की धमकी देते हुये जान से मारने की धमकी दिया। इसके अलावा आरोपी ने बाद में दुश्कर्म करते वक्त पीड़िता को दूसरी लड़की के अष्लील संबंध वाला वीडियो दिखाता रहा।

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डरी पीड़िता ने खुलासा होने के दिन तक किसी को नहीं बतलाया बात में 1 नवंबर को गौरेला थाना में आरोपी संतोश पटेल के खिलाफ भादवि की धारा 376, 506 और पाक्सो एक्ट की धारा 4, 6 के तहत अपराध क्रमांक 405/2021 कायम किया था। और पुलिस ने 3 नवंबर को आरोपी को गिरफतार कर लिया था। इस मामले में अभियुक्त संतोष पटेल के द्वारा अधिवक्ता नियुक्त करने और विधिक सहायता लेने में इंकार करते हुये दूसरे अधिवक्ता की नियुक्ति करने में भी काफी  विलम्ब करने का प्रयास किया।


जहां विषेश अपर सत्र न्यायाधीष  किरण थवाईत ने आरोपी संतोश पटेल  पाक्सो एक्ट 2012 की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास जोकि बाकी प्राकृतिक जीवनकाल के लिये रहेगी। और 1000 रूपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है। अर्थदंड की अदायगी की चूक में 6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विषेश अतिरिक्त लोक अभियोनक पंकज नगाईच ने की। वहीं इस मामले में स्पेशल एडीजे किरण थवाईत ने अवयस्क पीड़िता के साथ हुये अपराध के कारण उसकी मानसिक और शारीरिक पीड़ा को देखते हुये उसके पुर्नवास के लिये पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत धारा 357क आईपीसी के प्रावधानों के तहत उसे समुचित प्रतिकर प्रदान करने के लिये आदेष की काॅपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर को भेजने के निर्देष दिये हैं।

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